ज्ञान दाता प्राण दाता जगदीश्वर तू है परम
तुम्हारी जय-जय-जय हरदम x2
1. इन सूरज चाँद सितारों को तूने ही सजाया है,
गगन-गगन में चिड़ियों को तूने ही उड़ाया है ।
ये नीले पीले रंग तितलियों के खूबसूरत पंख,
सुनते जय-जय हरदम x2
ज्ञान दाता ....
2. इस अवनि पर लहराते सागर तूने बहाया है
हर गुलशन में फूलों को भी तूने ही हंसाया है
तू है निरंकार अखिलेश सुनाती सृष्टि वह संदेश
तेरे चरणों में नत हैं हम x2
ज्ञान दाता ....