इतनी शक्ति हमें देना दाता
मन का विश्वास कमजोर हो न ।
हम चलें नेक रास्ते पे, हमसे भूलकर भी कोई भूल हो न ।
इतनी शक्ति .....
1. दूर अज्ञान के हो अँधेरे,
तू हमें ज्ञान की रौशनी दे ।
हर बुराई से बचते रहे हम
जितनी भी दे, भली जिंदगी दे ।
बैर हो न किसी का किसी से,
भावना मन में बदले की हो न ।
हम चलें ....
2. हम न सोचें, हमें क्या मिला है,
हम ये सोचें किया क्या है अर्पण
फूल खुशियों के बांटें सभी को
सबका जीवन ही बन जाए मधुबन,
हो अपनी करुण का जल तू बहा के,
कर दे पावन हर एक मन का कोना !!
हम चलें ....
3. हर तरफ जुल्म है बेबसी है,
सहमा-सहमा सा हर आदमी है।
पाप का बोझ बढ़ता ही जाये,
जाने कैसे ये ध्रती थमी है।
बोझ ममता का तू ये उठाले,
तेरी रचना का यू अंत हो ना।
हम चलें ...............