स्वर्गीय पिता हम आते हैं, आशीष पाना चाहते हैं ।।
1. हम है पापी और अज्ञानी,
लाज से सिर को झुकाते हैं । स्वर्गीय पिता ....
2. तू है दीनों का प्रतिपालक, तू ही है प्रभु पाप उद्धारक
तेरे ही गुण गाते हैं । स्वर्गीय पिता ....
3. हे प्रभु पतित की ओर निहार, पापी हम अब पाप उतार ।
तेरे चरण हम आते हैं । स्वर्गीय पिता ....