ऐ मालिक तेरे बन्दे हम !
ऐसे हो हमारे करम, नेकी पर चलें और बदी से डरें
ताकि हसँते हुए निकले दम । ऐ मालिक ................ ।
1. ये अँधेरा घना छा रहा तेरा इन्सान घबरा रहा :
हो रहा बेखबर कुछ न आता नजर
सुख का सूरज डूबा जा रहा ।
है तेरी रौशनी में जो दम,
तू अमावस को कर दे पूनम । नेकी पर .....
2. जब जुल्मों का हो सामना, तब तू ही हमें थामना
वो बुराई करे, हम भलाई करें,
न ही बदले की हो भावना,
बढ़ उठे प्यार का हर कदम,
और मिटे बैर का ये भरम । नेकी पर ....