वन्दना करते हैं हम, वन्दना करते हैं हम
हृदय को तेरे सामने लाकर रखते हैं हम ।
(1) हृदय में, मेरे मसीहा, जीवन दीपक जला
हृदय के पापों को धोकर, प्रेम की राह दिखा ।
(2) हे मेरे येसु मसीहा, जीवन हमको सिखा
कुमार्ग से हमको हटाकर, सुमार्ग पर हमको चला ।
ऐ मालिक तेरे बन्दे हम !
ऐसे हो हमारे करम, नेकी पर चलें और बदी से डरें
ताकि हसँते हुए निकले दम । ऐ मालिक ................ ।