ज्योति से ज्योति जलाते चलो, प्रेम की गंगा बहाते चलो
राह में आये जो दीन दुःखी, सब को गले से लगाते चलो ....
1. जिसका न कोई संगी साथी, ईश्वर हैं रखवाला
जो निर्बल है जो निर्धन है, वो प्रभु का प्यारा
प्यारा की मोती लुटाते चलो, प्रेम की ....
2. आशा रूठी, ममता रूठी, छुट गया है किनारा
बन्द करो मत द्वार दया का, दे दो कुछ तो सहारा
दीप दया का जलाते चलो, प्रेम की ....