प्यासा हिरण जैसे ढूँढे है जल को
वैसे प्रभु मैं मुझे खोज रहा x2
1. तू ही मेरे मन की अभिलाषा x2
तेरी पूजा निश दिन करता रहूँ मैं x 2, प्यासा हिरण ....
2. सोना चाँदी मैं तो न माँगू x 2
मन तेरे प्रेम से भरता रहूँ मैं x 2, प्यासा हिरण ....
3. तू जो बन जाए श्रद्धा सुमन x 2
पुष्प पराग सा झरता रहूँ मैं x 2, प्यासा हिरण ....