अन्तर मेरा विकसित कर दे हे अन्तर्यामी x 2
निर्मल कर दे उज्जवल कर दे x2 सुन्दर कर स्वामी हे अन्तर्यामी
1. जागृत कर दे उद्धत कर दे, निर्मल कर दाता
मंगल निरलस निःसंशय कर, हे जीवन दाता
सबके साथ मिला दे मुझको, बंधन काट हरे
अपना भाव सभी कर्मों में, भव करुणा कर हे ।
अन्तर मेरा ....
2. चरण-कमल में मन मधुकर को x 2 दे विराम स्वामी
आनंदित कर x 2 आ दास कृपा कामी ।
हे अन्तर्यामी ....