वार्षिक परीक्षा में उत्तीर्ण छात्राओं का ही वर्ग परिवर्तन होता है । उत्तीर्णता का
नियम इस प्रकार है: वर्ष भर में ली गई परीक्षाओं और इकाई परीक्षाओं के अंकों
को जोड़कर उनके औसत के आधर पर उत्तीर्ण माना जाता है। अतः सभी
परीक्षार्थियों में भाग लेना अनिवार्य है ।
न्यूनतम उत्तीर्णांक 40» हैं । सभी विषयों में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
अगली कक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए हर विद्यार्थी को 90» उपस्थिति होना भी
अनिवार्य है । वर्ष के अंत में घोषित परीक्षापफल को ही निर्णित माना जायगा और
इस पर किसी भी हालत में पुनः विचार नहीं होगा।