नोट्रेडेम ध्र्म-बहनों द्वारा शिक्षण की पद्धति ईसा मसीह के जीवन एवं शिक्षा पर
आधरित है । इनमें व्यक्ति के चरित्र निर्माण पर विशेष बल दिया जाता है ।
शिक्षण की यह पद्धति पटना के विभिन्न धर्मिक समुदायों द्वारा काफी सम्मानित
एवं प्रशंसनीय रहा है ।
यह विद्यालय विद्यार्थी एवं शिक्षक गण के समक्ष मानवता की उच्च सेवा प्रस्तुत
करते हुए, निम्नलिखित आदर्शों से सम्बन्ध है ।
1. छात्राओं के सर्वांगीण विकास (शारीरिक, बौद्धिक, आध्यात्मिक)
2. ईमानदारी, कर्त्तव्यनिष्ठां एवं सदाचार की प्रवृति के विकास एवं दुराचार का
निदान ।
3. संवेदनशील भावों को जगाते हुए औरों के प्रति प्रेम उत्पन्न करना।
4. निम्न स्तर से उठकर महान तथा उत्तम लक्ष्य की ओर अग्रसरित करना ।
5. उत्तरदायित्व का बोध् कराते हुए जीवन के मूल्यों का विकास करना।
6. धर्मिक, जातीय एवं राष्ट्रीय किसी प्रकार की घृणा सभ्यता विनाशक है।
हमारा धर्म जो भी हो, किन्तु आर्थिक राजनैतिक एवं सामाजिक बुराइयों की
एकमात्रा समस्या इन शब्दों में निहित है:
‘‘तुम अपने प्रभु-परमेश्वर को पूर्ण हृदय, आत्मा और मन से प्यार करो और
पड़ोसी को अपना समझो ।’’